रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।
रामजी की भक्ति में काज कर डाला।लाल सिंदूरी तन रंग गए बाला।राम भक्ति का सारा ये कमाल है।रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।
एकदींन सीता को मांग भरते देखा।क्यों करती हो ऐसा मैया से पूछा।ये सिंदूर सुहाग की लाज है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺इसकी किरपा से श्री राम मेरे साथ है।रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।
एक चुटकी से प्रभु मिल जायेंगे।पूरा में रंग लूं तो मेरे ही हो जाएंगे।मंगवाए सिंदूर भरे थाल है।बजरंगी फिर हो गए लालो लाल है।🌺🌺🌺🌺रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।
रामजी ने जाना तो पास बुलवाया।प्रेम से भक्त को गले से लगाया।भक्त नहीं तूं भाई के समान है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा प्रेम तो धरती पे मिशाल है।रंग डाला सिंदूर से तन लाल है।