मेरे मन के छोटे मंदिर में मेरा श्याम सलोना रहता है,
Tag: Baithyo mand mand muskawe mhara sawariya sarkar
मेरी अलबेली सरकार मिला दो कान्हा से एक बार।
मैं नाचूं गाऊंगी सांवरिया दरबार में।
मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है
मईया तेरा मंदिर सुहाना,
यहाँ रोज भक्तो का आना जाना
अजब अनोखा करके श्रृंगार, होकर नंदी पर वो सवार,
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।
Sawariya le chal parli paar,
मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
You must be logged in to post a comment.