तर्ज,धमाल बाबा श्याम के दरबार, फागुन मेले की बहार, बाबा श्याम के।बाबा श्याम के दरबार, फागुन मेले की बहार, बाबा श्याम के। जो भी आए मेले माही, रिमझिम पड़े फुहार, बाबा श्याम के।बाबा श्याम के दरबार, फागुन मेले की बहार, बाबा श्याम के। भांत भांत का इत्र चढ़त है, महक रहयो दरबार तेरो।भांत भांत का […]
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श्याम-हवेली में मेरे बाबा,
लीले चढ़कर के अइयो,
अब तो बुला दरबार साँवरे,
मैं कर ना सकूँगा इन्तजार साँवरे,
भोला बाबा को लाग्यो दरबार,
रस की बूँदा पडे,
होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन,
ऐसा दरबार कहां,
ऐसी सरकार कहां,
आता रहूं दरबार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
खाटू वाले श्याम तेरा, सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार बाबा, तेरी जय जयकार है।
देखो प्यारे श्याम का ये दरबार है,
हर भगतो का होता बेडा पार है,
तेरे दरबार में सर झुकाती रहूं ।
तू बुलाता रहे और मैं आती रहूं।।
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