होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन,
राधा तू न खेलेगी तो खेलेगा कौन।
होली राधा बार बार न आये तेरे बिना कोई रंग भी न भाये,
होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन,राधा तू न खेलेगी तो खेलेगा कौन।
भीगोई मेरी चोली श्याम तू भर पिचकारी।
रंगो में रंग देगा सूरत मेरी करदे काली,
अब की बारी न खेलु मैं काट रही फोन,
होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन।राधा तू न खेलेगी तो खेलेगा कौन।
बिन रंगो के राधा कैसे मनेगी होली,
तेरे बिन मजा ना आये बरसाने की छोरी,
पूरी बात तो सुन ले क्यों काट रही फ़ोन
होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन।राधा तू न खेलेगी तो खेलेगा कौन।
पहुंचे बरसाने ले कर ग्वालोको संग,
सारे मिल खेले होली होली हे मिल गई रंग में रंग,
फूलो की वर्षा भी लागि हों
होली खेलन को मैंने राधा को किया फ़ोन।राधा तू न खेलेगी तो खेलेगा कौन।