मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
Tag: Agar shyama ju na hoti
तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
क्यों भुल गए ए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए,
दिनों का पालन हारा दुखियों का एक सहारा। मेरा श्याम है
अगर श्यामा जु ना होती,
तो हम जैसो का क्या होता,