तीनों लोकों में गूँजा है जयकारा माँ का
Tag: Aaj hamare ghar me maiyaji tera kirtan hai
तीनों लोक में मैया का जयकारा लगता है।
तुम्हें कैसे मनाऊं हनुमत में। आ जाओ तुम कीर्तन में।
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण,
मेला मेला मेला,
मेरी शेरावाली का मेला,
शेरावाली मैया मेरा काम कर दे।
ऐसी रचना रच गया तू जहां देखूं वहां तू ही तू।
मुझे कब से तेरा है इंतजार सांवरे। मेरे घर भी तो आजा मेरे यार सांवरे।
आ गई है गौरा, घर-घर में मचे शोर। मैं बनी पतंग मेरी, गोरा बन गई डोर।
आ जाओ कृष्ण कन्हैया ओ राधा जी के सईया, बुलाऊं तुम्हें घर अंगना।
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