भगवती सामने खुद खड़ी,नाम जपलो घड़ी दो घड़ी
Tag: kuwar mathura
मेरा रूठे ना सतगुरु प्यारा, चाहे सारा जग रूठे
उमर सारी बीत गयी माला न फेरी।
ठुमक ठुमक कर घोड़ो आवे मोतिया जड़ी लगाम
ले लो मोहन माला,मुरली का क्या काम है,
भोलेनाथ की दीवानी गोरा रानी लागे,
वृषभानु की दुलारी बड़ी प्यारी लागे,प्यारी लागे सुकुमारी लागे।
शिव त्रिपुरारी,भोले भंडारी, तुम कैलाशी हो
तेरी जटा में गंगा की धार बहे,
जाना हमें कैलाश बम बम भोले नाथ। बम बम भोले नाथ। काहे की धरती बनी काहे का अंबर। काहे का बना संसार, बम बम भोले नाथ। बम बम भोले नाथ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जाना हमें कैलाश बम बम भोले नाथ। बम बम भोले नाथ। पापों की धरती बनी सोने का अंबर। मतलब का बना संसार, बम बम भोले नाथ। […]
You must be logged in to post a comment.