मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का
Tag: krishna Stuti
नाम है तेरा तारणहारा,कब तेरा दर्शन होगा।
झूला तो पड़ग्या कान्हा, रे अमूवा की डारी
आया सावन बड़ा मनभावन,रिमझिम सी पड़े फुहार
डोर कदम की डार बंधवाये, झूला राधा को श्याम झूलाये
अधरं मधुरं वदनं मधुरं,नयनं मधुरं हसीतं मधुरं
लाज रखो हे कृष्ण मुरारी, हे गिरधारी हे बनवारी
कान्हा रे बागा में झूला घाल्या
बनवारी रे जीने का सहारा तेरा नाम रे।
दोय दोय गुजारियां के बीच में, अकेलो कानुडो।
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