मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का।२।🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
कमल लजाए तेरे,नैनों को देख के।भूली घटाएं तेरी, कजरे की रेख पे।२।🌹🌹🌹🌹ये मुखड़ा निहार के,सो चांद गए हार के।दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का।२।🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
कुर्बान जाऊं तेरी, बांकी अदाओं पे।पास मेरे आजा तोहे,भर लूं में बाहों में।२।🌹🌹जमाने को बिसारके,दिलों जान तो पे हारके।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का।२।🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
रमण बिहारी नहीं,तुलना तुम्हारी कहीं।🌹तुझ सा न आगे देखा, और ना पीछे कहीं।दीवानों ने विचार के,कहा है पुकार के।🌹🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का।२।🌹दो नैना,३, सरकार के, कटीले हैं कटार से।