में पतियां लिख लिख हारी,मैं चिट्ठियां लिख लिख हारी
Tag: Me patiya likh likh hari
श्री राधे गोविंदा,मन भजले हरी का प्यारा नाम है।
कान्हा कांकरिया मत मार मटकिया, फूट जावेली।
मुकुट सिर मोर का,मेरे चित्त चोर का
नाम है तेरा तारणहारा,कब तेरा दर्शन होगा।