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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Hari me to lakh yatan kar hari,हरि मैं तो लाख यतन कर हारी,krishna bhajan

हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।

हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।
महलन ढूंढा, गिरिबन ढूंढा, ढूंढी दुनिया सारी॥हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।

गोलुक कुंज गली में ढूंढा, ढूंढा वृन्दावन में।
डाल डाल से, फूल पात से, जा पूछा कुंजन में।
बीती की सब कहे हरि ना अब की कहे बनवारी॥हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।

हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।
महलन ढूंढा, गिरिबन ढूंढा, ढूंढी दुनिया सारी॥हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।


कोई कहे श्री राम है क्या या गौरी काली मैया।
मैं कहू नहीं गोपाल हैं वो एक बन में चरावे गैया॥
उमापति परमेश्वर नहीं, ना नारायण भयहारी।
मीरा का हृदय विहारी, मीरा का हृदय विहारी॥

हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।
महलन ढूंढा, गिरिबन ढूंढा, ढूंढी दुनिया सारी॥हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।


अंग पीताम्बर मोरे मुकुट, सर माला गले सुहावे।
बहुरूपी बड़े रूप धरे, जिस नाम बुलावो आवे॥
मीरा कहे अब लाज रखो प्रभु आवो मुरली धारी॥

हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।
महलन ढूंढा, गिरिबन ढूंढा, ढूंढी दुनिया सारी॥हरि मैं तो लाख यतन कर हारी।

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