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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Hiye kaya me bartan mati ra Tut jasi,हिये काया में बर्तन माटी रा,टूटे जासी नहीं कर राङ को,nirgun bhajan

हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,

हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को।।

हिये काया में माला मोतियन की,
हिये काया में माला मोतियन की,
टूटे जासी डोरों रुङो तन को.
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को।।

हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,

कहत कबीर सुनो भाई संतों,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
पहला नाम अलख रो,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
एक ही दिन को घड़ी पलक रो,
एक ही दिन रो घड़ी पलक रो,
नहीं है भरोसो पल छिन को,
सायब हम को डर लागो,
एक दिन को।।

हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,
सायब हमको डर लागो,
एक दिन को,

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