ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
पांचों मेंवो का भोग लगाऊं। और पुष्पों की माला चढ़ाऊं। विपदा मेरी हरो, बुद्धि निर्मल करो, सच्ची माता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
माता सिंह पर है सवारी। ज्योति शक्ति है अद्भुत तुम्हारी। सिद्ध कारज करो, भक्त सारे खड़े ,सच्ची माता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
महिमा सुनकर सभी यहां आए, बैठे चुपचाप मन को लगाए। देरी अब ना करो, शीघ्र संकट हरो, सच्ची माता। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
दर्श तुम हमको अपना दिखाओ। अपने चरणों का सेवक बनाओ। मानू तेरा वचन, नित्य करूंगी भजन, सच्ची माता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
तेरे दर्शन को जो कोई आता। ना वो खाली भवन से जाता।शक्ति तेरी प्रबल,लो अपनी शरण,सच्ची माता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
जो भी प्रेम से ज्योति जगाते।वो परम पद तो निश्चय ही पाते।भक्तों की लगन,पूरा करिए प्रण,मेरी माता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता। दोनों हाथों से नारियल चढ़ाता।