लाडली अपने चरणों में रख लो मुझे।
इस पतित का भी उद्धार हो जायेगा।
तेरे दर की गुलामी मेरी आरजू। संवरे का भी दीदार हो जायेगा।
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है।इक नज़र से बेडा पार हो जायेगा।
श्री राधे करुना मई कहाती है।.शरण आये को उर लगाती है।जिसका कोई नहीं ज़माने में,अपना कह कर उसे बुलाती है।
मेरी श्यामा करुना मई कहाती है।
करती दोषों को क्षमा,रखे निज हाथ थमा।
किरपा दृष्टि की निधि बहाती है।मेरी श्यमा करुना मई कहाती है।
जिसको ठोकर लगी हो दर दर से,उसे निज गोद में बिठाती है।
श्यामा राधे करुना मई कहाती है।
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है। इक नजर से बेडा पार हो जायेगा। स्वामिनी अपने चरणों में रख लो मुझे इस पतित का भी उद्धार हो जायेगा।
लाडली अपने चरणों में रख लो मुझे।
इस पतित का भी उद्धार हो जायेगा।
तेरे दर की गुलामी मेरी आरजू। संवरे का भी दीदार हो जायेगा।