झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, जामे जीवन सफल होय जाय।
वृंदावन जमुना के किनारे,मोहन जरा तूं आना।जमुना जल और रेता पानी,ऊंची भीत लगा जाना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 लता पता का बंगला छवायियों,मोहन जरा तूं आ जाना।शेषनाग दरवाजे लिख दो खिड़की पे लिख दो राधेश्याम।झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, जामे सारा बुढ़ापा कट जाए।
इस बंगले के अंदर मोहन,छोटा सा आला होवे। राधा कृष्ण इसमें बैठे संग में सब सखियां होवे। बांके बिहारी करूं आरती पल पल दर्शन होवे।झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान।
चंपा मोगरे के फूल खिले हो छोटी सी बगिया होवे। चुनचुन कलियां हार पिरोऊं,जब इच्छा पूरी होवे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 राधा-कृष्ण हार जो पहने जीवन सफल हो जाए। झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान।
इस बंगले के अंदर मोहन साधु संत सेवा होवे। कथा कीर्तन हो बंगले में जब इच्छा पूरी होवे। मालपुआ और हलवा पुरी जब इच्छा पूरी होवे। भर भर दोना सबको बांटू,जब इच्छा पूरी होवे। भगत और भगवान जीमें जूठन हमें मिल जाए।झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान।
आषाढ़ महीना जोर से बरसे मोहन जरा तू आना। सावन महीना रक्षाबंधन भक्तों से राखी बंधवा जाना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भादो में तेरी सालगिरह है मोहन टीका करवा जाना। क्वार मास की शरद पूनम को बंगले में रास रचाना।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺झोपड़िया मेरी ऐसी छवायियो भगवान, मड़ैया मेरी ऐसी छवायियो भगवान।