घनश्याम तेरी बंसी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
सोने की होती तो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
क्या करते तुम मोहन,
ये बांस की होकर भी,
दुनिया को नचाती है ।घनश्याम तेरी बंसी,🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
तुम गोरे होते तो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
क्या कर जाते मोहन,
जब काले रंग पर ही,
दुनिया मर जाती है ।घनश्याम तेरी बंसी,🌺🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
दुःख दर्दो को सहना,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बंसी ने सिखाया है,
इसके छेद है सीने मे,
फ़िर भी मुस्काती है ।घनश्याम तेरी बंसी,🌺🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
कभी रास रचाते हो,🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कभी बंसी बजाते हो,
कभी माखन खाने की,
मन में आ जाती है ।घनश्याम तेरी बंसी,🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
घनश्याम तेरी बंसी,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पागल कर जाती है,
मुस्कान तेरी मोहन,
घायल कर जाती है ।
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पागल कर जाती है,