देखो वृन्दावन की कुंज गलिन में, नाचत नन्द्कुमार।
Tag: aarti kunjbihari kiआरती कुंजबिहारी की
दिल में तू श्याम नाम की,
जरा ज्योति जला के देख।
एकदिन में खरीद लाई,छोटी सी लटाई
कान्हा ने खोली है दुकान, बताओ राधे क्या लोगी
छोड़ दे पीतांबर राधे, सभा बीच जाने दे।
संग संग में रहेंगे हम,हमेशा ही अरे मोहना,
बोल कान्हा बोल कैसा काम हो गया
हठ पकड़े नंदलाला,मैया री मोहे चंदा ला दे।
मेरा छोड़ दे दुपट्टा नंदलाला,सबेरे दही लेकर आऊंगी।
रूठ गया है, रूठ गया है।रूठ गया है,आज देखो कन्हैया मेरा।
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