डोर कदम की डार बंधवाये, झूला राधा को श्याम झूलाये
Tag: aarti kunjbihari kiआरती कुंजबिहारी की
अधरं मधुरं वदनं मधुरं,नयनं मधुरं हसीतं मधुरं
मेरो राधा रमण गिरधारी,गिरधारी श्याम बनवारी
गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,भूलूं कभी ना में नाम तेरा।
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे,जाना।
छोटी सी थारी चटी आँगली जी कईयां,गिरवर ने उठाई,हो कईयां पर्वत ने उठाई
मैया मोरे सर पे सेहरा सजा दो,