श्याम तने म्हारे घरॉ ले चालु रे,
काया रूपी चुंदड़ी के रंग चढ़ग्यो
के देखें रे कृष्णा खड़यो खड़यो, यो सारो ठाट है मेरे।
खा ले डट के भोग लगा ले डट के
घुंघरवाले बाल तुम्हारे गोरे गोरे गाल सांवरे क्या कहना
मेरी जिंदगी को संभालो कन्हैया, तुम्हारी यह नैय्या, तुम ही हो खिवैया।
मैया कुछ ना कुछ तो बोल मैया अब तो पलका खोल,मैया कईयां रूस्या थे मैया बोलो जी।
कठे से ल्याऊं पांख कठे से ल्याऊं घोड़ी
तूफानों में कश्ती जब हिचकोले खाए
हे श्याम तेरी माया कोई जान नही पाए
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