अरे सूण म्हारा मनवा वीर एडी नहीं करणी। अरे जल ऊंडो संसार, दोरो तिरणो
Category: विविध भजन
समय के हाथ का कठपुतला है, इस जग में इंसान।
तुम दिखते नहीं हो फिर भी हरि,एहसास तुम्हारा होता है,
पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे
किण विधि राखेला राम ।
काँहि मैं जाणू ,
ओ म्हारा पियाजी रा प्राण बचाए, हिरणी हरी ने अरज करे
मत कर भोळी आत्मा ,
नुगरों रो संग रे ।
नुगरों री संगत में ,
ओ मिनख जमायो खोयो रे ॥
पियाजी री वाणी मत बोल,
बिगड़ी कौन सुधारें नाथ बिना,
बिगड़ी कौन सुधारे जी,
कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए,
एक तेरी दया दयावान चाहिए,
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