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विविध भजन

Kin vidhi rakhela ram kahi me janu,किण विधि राखेला राम,काँहि मैं जाणू ,

किण विधि राखेला राम ।
काँहि मैं जाणू ,

किण विधि राखेला राम ,
किण विधि राखेला राम ।
काँहि मैं जाणू ,
किण विधि राखेला राम ॥

एक डाल दोय ,
पंछी बैठा रे ।
लेता राम जी रो नाम ,
काँहि मैं जाणूं ,
किण विधि राखेला राम ॥

नीचे जाऊँ तो ,
म्हारे पापी पहाड़ जी ।
ऊपर भवे है सिसाण ,
काँहि मैं जाणूं ,
किण विधि राखेला राम ।

पापी पहाड़ जी ने ,
विष डस लीन्हो रे ।
सिंकरा रे लागो बाण ,
काँहि मैं जाणूं ,
किण विधि राखेला राम ॥

बाई मीरां कहे ,
प्रभु गिरधर नागर रे ।
पंछीड़ा रे भयो है आराम ,
काँहि मैं जाणूं ,
किण विधि राखेला राम ॥

किण विधि राखेला राम ,
किण विधि राखेला राम ।
काँहि मैं जाणू ,
किण विधि राखेला राम ॥

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