पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे। बन मतवाला रे।
ओम नाम का है यह प्याला, सदा शांति सुख देने वाला। चारों वेदों ने गाया यह मंत्र निराला रे।पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे। बन मतवाला रे।
ओम नाम की अमृत धारा पी प्रह्लाद बना हरी प्यारा। डरा न पाए उसे तीर तलवार और भाला रे। पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे। बन मतवाला रे।
दयानंद ने पिया है प्याला, किया जगत में ज्ञान उजाला। प्यारी भारत माता का सब संकट टाला रे।पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे। बन मतवाला रे।
अभय अमर पद निश्चय पाता, बाधाओं से नहीं घबराता। कर्महीन नर कर्म क्षेत्र से टले न टाला रे।पीकर प्याला ओम नाम का बन मतवाला रे। बन मतवाला रे।