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विविध भजन

Samay ke hath ka kathputla hai is jag me insan,समय के हाथ का कठपुतला है, इस जग में इंसान

समय के हाथ का कठपुतला है, इस जग में इंसान।

समय के हाथ का कठपुतला है, इस जग में इंसान।
सच मानो ऐ दुनिआ वालो, समय बड़ा बलवान।
चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा।
चल हुआ पूरा तेरी तक़दीर का फेरा।
चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा।



जग में लट्टू की तरह तू खुब रे घुमा।
दोगली दुनिआ में धर धर खुब तू झुमा।

जग में लट्टू की तरह खूब रे घुमा।
दोगली दुनिआ में धर धर खुब तू झुमा।
अब न करना झूठी नगरी में कोई फेरा
चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा।
चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा।

किस लिए आए बवले बीति पे रोता है

पथरो के देश में ऐसा ही होता है

रेय किस लिए ी बावरे बीति पे रोता है

पथरो के देश में ऐसा ही होता है

चल तुझे दुर्भागये की आंधी ने है घेरा

चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा

चल हुआ पूरा तेरी तक़दीर का घेरा

चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा

चल मुसाफ़िर चल यहाँ कोई नहीं है तेरा

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