सौदा करले जाननहार,
काया गढ़ में मंडियों बाजार,
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
झूठी काया में डोले,
झूठी माया में डोले,
जीवन का भरोसा नही कब मौत आ जायेगी
म्हारो खर्चा मालिक पूरे,
मैं वाका नाम पर रेता,
हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़,
काया कोठड़ी में रंग लागो।
काया माटी में मिल गई,
गईयोड़ा फेर नहीं आया।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
चोला माटी के हे राम,
एकर का भरोसा,
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