तर्ज,सुहाग मांगन चाली अपने
श्याम को घोरलियो सिंगार, ऐंके हीरो चमके भाल, ऐंका घुंघर वाला बाल,श्याम मने प्यारो लागे जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 कटी पर लटके लट नागिन सी,बड़ों मनभावन लागे जी।
श्याम का तीखा तीखा नैन,ले गया म्हारो मन को चैन,नैना नैन मिलाकर सैन, यो कामनगारो लागे जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚कटी पर लटके लट नागिन सी,बड़ों मनभावन लागे जी।
श्याम की तीखी सी मुस्कान, वेणु करे अधर रसपान,छेड़े रसभरी मीठी तान,रसिक रसवालों लागे जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚कटी पर लटके लट नागिन सी,बड़ों मनभावन लागे जी।
बागो पहरयों घेर घूमर, ज्यां में अस्सी कली को घेर,अंतर छिड़के चारूं मेर,सेठ धनवारों लागे जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚कटी पर लटके लट नागिन सी,बड़ों मनभावन लागे जी।
प्रेमी जो भी आवे हार,देरी करे ना लखदातार, थामे खुद हाथां पतवार,बड़ो दिलवालो लागे जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚कटी पर लटके लट नागिन सी,बड़ों मनभावन लागे जी।
श्याम को घोरलियो सिंगार, ऐंके हीरो चमके भाल, ऐंका घुंघर वाला बाल,श्याम मने प्यारो लागे जी।