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श्याम भजन लिरिक्स

tin ban tarkash me, तीन बाण तरकश में,श्याम भजन

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है।

तर्ज,सावन का महीना पवन

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

एक बाण से ही में,पाशा पलटाऊंगा।जो भी हारेगा उसका,साथ निभाऊंगा।२।🌹🌹में हार को जीत बनादूं,ऐसा वर पाया है।२।🌹तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

कैसे भरोसा करूं,बर्बरीक तेरा।एक बाण से कैसे पलटेगा फेरा।२। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹तूं हार को जीत बनादे,वर कहां से पाया है।२।तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

बालक की बातें सुनकर,अर्जुन परेशान।कैसे वंश मिटाए,एक ही बाण।२।🌹🌹🌹बड़ा बड़ा बलशाली, यहां लड़ने आया है।२।तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

अपने बल को हमें,दिखलाओ बर्बरीक।पीपल के पत्तों को,छेद के तुम तनीक।२।एक पत्तेको श्याम पैरों, तले दबाया है।२।🌹तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

एक बाण से बिंधे सारे,पत्ते बर्बरीक।पांव तले का पत्ता,भी छेद दिया मालिक।२।🌹देख के ये नजारा सबका,सर चकराया है।तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है। तूं किसकी तरफ से रणभूमि में,लड़ने आया है।

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