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श्याम भजन लिरिक्स

Din raat jalaye baithe hai akho ke diye,दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर,shyam bhajan

दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर

दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर।आओ तो कभी,देखो सांवरे,हम कैसे जिएं तेरे खातिर।

एक नाता तुझ से जोड़ लिया,सब अपनों से मुंह मोड़ लिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हम तन्हा होकर बैठ गए,सबकुछ छोड़ा है तेरे खातिर।

दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर।आओ तो कभी,देखो सांवरे,हम कैसे जिएं तेरे खातिर।

तेरी गलियों का हूं आशिक़, तू एक नगीना है। तेरी नजरों से मुझे यह जाम पीना है।🌺🌺🌺आओ तो कभी,देखो सांवरे,हम कैसे जिएं तेरे खातिर।

दिन रात जलाए बैठे हैं,आंखों के दिए तेरे खातिर।आओ तो कभी,देखो सांवरे,हम कैसे जिएं तेरे खातिर।

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