गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
Tag: Dil tumko diya nandlala
मेरा दिल तुझपे कुर्बा,
मुरलिया वाले रे,
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगाये देना,
उठवा दे नंद के लाल गगरिया पानी की।
तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नहियो लगदा।
यही हसरतें तलब हैं, ये ही आरजू है दिल में,
कान्हा तेरे रूप का तो दिया सा जले।दिया सा जले।गोवर्धन मैदान घाटी पहाड़ के तले।
तूं मान कही नंदलाल नही,थाने में रपट लिखाय दूंगी।
गोरी कलाई चूड़ा लाल बे,मेरी मां का चोला।
म्हारी बिगड़ी बात बना दे हो, ओ अंजनी के लाला।
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