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विविध भजन

Phoolda parvat me khil gaya narayan sadhu ne mil gaya,फुलड़ा परबत में खिल ग्या,नारायण साढू ने मिल ग्या

फुलड़ा परबत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।

फुलड़ा परबत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।

खटानी भाग थारा जाग्या,
नारायण गोदया में आज्ञा,
गोदया में आज्ञा ये थारी,
गोदया में आज्ञा,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।

बाटा बरसा तक नाली,
आयो मारा बागा को माली,
अब में नाचूँ दे ताली,
बनजाउ मीरा मतवाली,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।

चाली सेर डुंगरिया गढ़,
गोटा की गुजरिया,
मंगला गावो ये सखिया,
लाड़ लड़ाओ ये सखियां,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।

मारा देवधनी सिरमौर थे,
भगता की राखो जोड़,
मारा देवधनी सिरमौर,
महिमा ई कलयुग में जोर,
भगत की बिगड़ी बनवावे,
महिमा पांचाल रे गावे,
फुलड़ा पर्बत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।


अरे अब तो आजा रे नारायण,
तू तो लेर गुडलो,
ओ थाने गुजरिया बुलावे,
ओ बजार चुड़लो।

ऐ मारा देमालिया का,
चोक में सर्प कालो,
अरे मन की कहदे रे,
नारायण काई मालो,
अरे में तो जोत रे जलाऊ,
डालू घी को प्यालो,
ओ थाने गुजरिया बुलावे,
ओ बजार चुड़लो।

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