म्हारा हरिया वन रा सुवटीया,तने राम मिले तो कहीजे रे।
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झूला तो झूले रानी राधिका,
झुलावे नंदकुमार,
तुमने सब कुछ जहा में बनाया
चाँद तारे जमी आसमान भी
कैसा सुंदर हिरन वनों में चरने आया है।
पांच गाँव मारे पांडवों ने देवो,
अरे बाकी राज तुम्हारा,
चांद सा सलोना मुख
लटें घुंघरारी है।
रूस गयो नंदलाल मारी राधा रूस गयो नंदलाल
उठवा दे नंद के लाल गगरिया पानी की।
चेहरों उतर गयो चांद को जी,एसो सोनो सोनो लागे,
तूं मान कही नंदलाल नही,थाने में रपट लिखाय दूंगी।
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