तर्ज, कोन दिशा में लेके चला रे
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो, भोले बंगला बनवा दो, भोले बनवा दो।बनवा दो।
तुम तो सजाये भोले माथे पे चंदा, तुम तो सजाये भोले जटा में गंगा, भोले टीका बनवा दो भोले बिंदिया बनवा दो।भोले बनवा दो।बनवा दो।
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो, भोले बंगला बनवा दो, भोले बनवा दो।बनवा दो।
तुम तो सजाये भोले कानों में कुण्डल, तुम तो सजाये सर्पों की माला ,मुझे झुमका बनवा दो मुझे हरवा बनवा दो, मुझे नथुनी बनवा दो,भोले बनवा दो।बनवा दो।
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो, भोले बंगला बनवा दो, भोले बनवा दो।बनवा दो।
तुम तो सजाये भोले हाथों में डमरू, मुझे कंगना बनवा दो,मोहे पायल बनवा दो,भोले बनवा दो।बनवा दो।
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो, भोले बंगला बनवा दो, भोले बनवा दो।बनवा दो।
तुम तो सजाये भोले अंग बाघाम्बर ,मोह साड़ी मंगवादो, मोह चुनरी मंगवा दो,भोले बनवा दो।बनवा दो।
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो, भोले बंगला बनवा दो, भोले बनवा दो।बनवा दो।