राम भजो सिया राम जगत में राम भजो सिया राम।
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भजो मन राम और सीता, जन्म जाता है अब बीता।
भजो मन राम सिया,जपो मन राम सिया,हरी ने जनम लिया
नन्द जी के आंगन में, बज रही आज बधाई।
मेरे मोहन तू मुरली बजा दे।नहीं बजती तो मुझको थमा दे।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
रसिया को नार बनाओ री रसिया को।
सांवली सूरत मुख चंदा,भजो रे मन गोविंदा।
गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,भूलूं कभी ना में नाम तेरा।
मेरी विनती सुनो हनुमान, धरूं में ध्यान, पवन का प्यारा