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स्तुति,stuti

Govind meri yahi prarthana hai, गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,krishna Stuti

गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,भूलूं कभी ना में नाम तेरा।

गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,भूलूं कभी ना में नाम तेरा। निशदिन में बस यही गीत गाऊं। गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

देहांत काले तुम सामने हो बंसी बजाते मन को लुभाते। गाता यही में तन नाथ त्यागुं। गोविंद दामोदर माधवेती।हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

नारी धरा धाम सुपुत्र प्यारे। सन्मित्र सदबांधव द्रव्य सारे।कोई ना साथी,हरी को पुकारो।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

प्यारे जरा तुम मन में विचारों। क्या साथ लाए क्या ले चलोगे।जावे हरी नाम, सदा पुकारो।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

नाता भला क्या जग से हमारा।आए यहां क्यों,कर क्या रहे हो।सोचो विचारो हरी को पुकारो।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

सच्चे सखा है,हरी ही हमारे,माता पिता सुबंधु प्यारे।भूलो ना भाई दिनरात गाओ।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

माता यशोदा हरी को जगावे,जागो उठो,उठकर नैन खोलो।द्वार खड़े सब गोप बुलावे।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती

कोई नवेली पति को जगावे,प्राणेश जागो अब नींद त्यागो।बेला यही है,हरी गीत गाओ।गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

गोविंद मेरी यही प्रार्थना है,भूलूं कभी ना में नाम तेरा। निशदिन में बस यही गीत गाऊं। गोविंद दामोदर माधवेती। हे कृष्ण है यादव, हे सखेती।

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