हमको तो आसरा है,
ऐ श्याम मुरली वाले,
Tag: Mere mohan tu murli baja de
मोहन बरसाने में, चूड़ी बेचने आईयो।
श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई, छोड़ मोह ममता करो तुम लड़ाई
बोहनी हुई ना, माखन देऊं कैसे।होवेगा जूठा,चखन देऊं कैसे
नन्द जी के आंगन में, बज रही आज बधाई।
मेरे मोहन तू मुरली बजा दे।नहीं बजती तो मुझको थमा दे।