सांवली सूरत मुख चंदा,भजो रे मन गोविंदा।
Tag: tune kahe der lagayi
बन गए वैद मुरारी रे बीमार भई राधा।
तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के, अब तेरा साथ नहीं छूटे।
सांवली सूरत मुख चंदा,भजो रे मन गोविंदा।
बन गए वैद मुरारी रे बीमार भई राधा।
तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के, अब तेरा साथ नहीं छूटे।