हरी ने हिये न धारा रे ,
Tag: Barsane me dhum machi hai bhari
तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले,
मैं जहा भी रहु बरसाना मिले।
ले गयाे ले गयाे ले गयाे री, अरे
मेरी भरी भराई वो तो ले गयोे री
करुणा की दृष्टि निहारो,राधे बरसाने वाली।
मेरी अलबेली सरकार मिला दो कान्हा से एक बार।
मेरों मन लाग्यो बरसाने में, जहाँ विराजे राधा रानी,
अगर देना किशोरी जू
मुझे इतनी दुआए देना।
खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है
चिठ्ठी लिख दी किशोरी जी के नाम,
बूला लो मुझे बरसाना,
नाटै मत घड़ा उठा दे दिखे हो मैंने पल-पल हो रहा भारी।
You must be logged in to post a comment.