खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है
मैंने भी पुछ लिया
क्या वहां बरसाना है।
खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है
मैंने भी पुछ लिया
क्या वहां बरसाना है।
कहाँ है स्वर्ग में
ऊँची अटारी के दर्शन,
नहीं है स्वर्ग में
ऊँची अटारी के दर्शन,
ना है रंगीली गली
और ना है कह्वर।
मेरा तो फकत ख्वाब
उनको ही रिझाना है,
इसलिए पूछ लिया
क्या वहां बरसाना है,
इसलिए पूछ लिया
क्या वहां बरसाना है।
अब तो हमारी
केवल यही तमन्ना है,
मेरा प्रण है,
मुझको यहीपे मरना है,
छोड़ बरसाना
बैकुंठ नहीं जाना है,
मैंने तो राधा राधा
राधा राधा गाना है,
खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है,
मैंने भी पुछ लिया
क्या वहां बरसाना है
खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है
मैंने भी पुछ लिया
क्या वहां बरसाना है।
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खुदा ने पूछ लिया
बैकुंठ जाना है