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विविध भजन

Kisi ka mat kariyo apman,wakt ki hawa nirali hai,किसी का मत करियो अपमान,वक्त की हवा निराली है,

किसी का मत करियो अपमान,
वक्त की हवा निराली है,

किसी का मत करियो अपमान,
वक्त की हवा निराली है,
वक्त की हवा निराली है,
वक्त की हवा निराली है,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।


हो सै ढलती फिरती छाया,
बखत बता कद काबू आया,
हारे योद्धा वीर महान,
या दुनिया देखी-भाली सै,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।

ठाकै ल्याया सीता नारी,
अपणे पैर कुल्हाड़ी मारी,
मिट्या रावण का नाम-निशान,
घमंड की मार कुढाली सै,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।

कंस भूलग्या सब मर्यादा,
पाप कमाये हद तैं ज्यादा,
विधि का पूरा होया विधान,
सभी का राम रूखाली सै,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।

ओम गुरु कहैं रह कायदे मैं,
रहज्यागा रामधन फायदे मैं,
जग मैं कोण इसा बलवान,
बखत की जिसनै टाली सै।
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।

किसी का मत करियो अपमान,
वक्त की हवा निराली है,
वक्त की हवा निराली है,
वक्त की हवा निराली है,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।


हो सै ढलती फिरती छाया,
बखत बता कद काबू आया,
हारे योद्धा वीर महान,
या दुनिया देखी-भाली सै,
किसी का मत कारियों अपमान,
बखत की हवा निराली सै।।

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