नाटै मत घड़ा उठा दे दिखे हो मैंने पल-पल हो रहा भारी।
Category: विविध भजन
पत्थर की मूरत को भगवान समझते हैं
बधाई हो बधाई मैं तो ढोलक चिमटा लाई,
हरि का नाम सुमर प्यारे या नईया पार हो ज्यागी।
तू प्यार का सागर है,
तेरी इक बूँद के प्यासे हम,
रमता जोगी आया नगर में आज,रमता जोगी आया।
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।
दिल दांव पै लगायो,
नादान के करयो तूं,
Man lagi mero yaar fakiri me,
चढ़ते सूरज को दुनिया में,
सब करते है यहाँ प्रणाम,
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