मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे, वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे।🌺🌺🌺🌺
मैं तो बावरी ह्वै नाचूँगी कालिंदी तट पै, मैं तो वारी वारी जाऊँ प्यारी जू के नीले पट पै ।मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे।🌺🌺🌺🌺🌺 वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे।
मैं तो वारी जाऊं प्यारी जू के दृगपट पे । मेरी प्यारी जू के बड़े ही रसीले लटके।🌺🌺🌺🌺🌺मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे, वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे।
मैं तो वारी प्यारी कारी घुँघरारी लट पै । राधे रानी के चरण मेरेे मन अटके।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे, वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे।
मैं तो राधे की कहाऊं राधे राधे रट के । मैं तो प्यारे को चिढाऊँ राधे राधे रट के।
मैं तो राधे राधे रट के श्री राधे की ही कहाउंगी, मैं श्री प्यारे जू को राधे राधे रट के चिढ़
मैं तो वारी जाऊँ पिय प्यारी खटपट पै। मेरी प्यारी न भुलावें कभू भूले भटके ।
मैं तो श्री श्यामाश्यम के खटपट पर वारी जाती हूँ, मेरी प्यारी जू अपने भूले भटके जनों को कभी नहीं भूलती हैं।
मेरी प्यारी पग पियहुँ मुकुट पटके । मैं तो प्यारी जो को पक्ष लेउँ बेखटके ।
मेरी प्यारी जू के चरणों मे श्री कृष्ण भी अपना मुकुट धर देते हैं, मैं तो बिना किसी भय के श्री प्यारी जू का ही पक्ष लेती हूँ।
मैं तो अकड़ के जाऊँ आगे नटखट के । मैं तो गारी देऊन ‘दारी’ के जो मोते अटके ।
मैं तो श्री राधारानी के बल अभिमानिनी बन अकड़ के श्री कृष्ण के समक्ष जाऊँगी, और यदि श्री कृष्ण थोड़ा भी मुझसे उलझेंगे तो मैं उनको गंदी गालियाँ भी दे दूँ।
मैं तो प्यारी जो की जय बोलूँ पनघट पै। प्यारी पग पिय आंसू टप टपके ।
मैं तो पनघट पे श्री प्यारी जू की जय जयकार करूंगी, मेरी प्यारी के चरणों मे प्यारे जू के आँसू टप टप कर गिरते हैं।
मैं तो वारी जाऊँ रोतो लखि नटखट पे । मेरो रोम रोम राधे नाम रस टपके ।
दोऊ एक हैं ‘ कृपालु ‘ मन जनि भटके ।
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मैं तो राधे राधे गाऊँ कालिंदी तट पे, वो तो भाजो चलो आवे रोतो वंशी वट पे