मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।
जैसा गहना मीरा ने पहना, जोगन हो गये उसके नैना। विष को अमृत,नाग को पंकज, तूं कर डारी।लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।🌺🌺🌺🌺मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।
द्वार पे आया विप्र सुदामा।प्रेम भाव से बांह में थामा।दो मुठियांन भर तंदूल खाकर,सूरत बिसारी।लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।🌺🌺🌺🌺मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।
मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।मीरा के जैसे सुदामा के जैसे पार उतारी। लाज रखो हे कृष्ण मुरारी।