काया तेरी रेल बना दूंगी तब तेरो पिछो छोडूंगी
Tag: kashti bhi purani hai
माला रो मणियो,
भजन वाली डोरी।
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो
आया बुढ़ापा जब जानी,राम दगा दे गई जवानी
बड़ी दूर किनारा है,कश्ती भी पुरानी है।
सियारानी का अचल सुहाग रहे
काया तेरी रेल बना दूंगी तब तेरो पिछो छोडूंगी
माला रो मणियो,
भजन वाली डोरी।
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो
आया बुढ़ापा जब जानी,राम दगा दे गई जवानी
बड़ी दूर किनारा है,कश्ती भी पुरानी है।
सियारानी का अचल सुहाग रहे