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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Raam naam nahi bhayo re,राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो,nirgun bhajan

राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो


राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।
माया में फंस गयो मोह माया में फंस गयो।

पहली रोटी मैंने गाय की बनाई, वो भी पतली पतली रे।मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो

दूजि रोटी मैंने कुत्ते की बनाई, वो भी बनाई छोटी रे।
मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

तीजी रोटी मैंने अपनी बनाई, वो तो बनाई मोटी मोटी रे।मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

हरि सत्संग को आयो रे बुलावो, डाल खटोला मैं तो से गई रे।मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

यम के दूत जब लेने को आए, छुप कोने में रोई रे।
मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

धर्मराज मेरी लेखा मांगे, लेखा में कछु न पायो रे।
मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

एक बार मोए वापिस भेजो, दोनों हाथ लुटाऊं रे।
मन माया में फंस गयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

वापिस जाके क्या मैं करूंगी, बेटों ने घर वार बांटे रे।
बहुओं ने लगा दिए ताले रे,मन माया में फंस गयो।
राम नाम नहीं भायों रे मन माया में फंस गयो।

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