तर्ज,तलरिया मगरिया रे
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा। एकदिन जावांला,फेर नही आवांला।
लेना हो सो ले ल्यों रे,जगत वाला मेला सूं।मेलो यो बिछड़यां बाद,फेर पछतावेला।
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा। एकदिन जावांला,फेर नही आवांला।
लेनों है सो ले ल्यों रे, लावो यो थारे हाथांसूं। करल्यों भलाई वालो काम,जगत जस पावोला।
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा। एकदिन जावांला,फेर नही आवांला।
अमृत वाणी बोलो ये, मोटी वाली जीभा सूं।आवे आवे फुलडा री बांस,अमर होय जाओला।
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा। एकदिन जावांला,फेर नही आवांला।
गाना है सो गाल्यों ये,गुरुसा वाला गीतडला।इन भजनां रे संग,भव तर जावोला।
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा। एकदिन जावांला,फेर नही आवांला।