तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
Tag: darwar me mere baba ke dukh dard mitaye
सुख के सब साथी दुःख में न कोई
मेरे राम, मेरे राम
आता रहूं दरबार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
खाटू वाले श्याम तेरा, सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार बाबा, तेरी जय जयकार है।
देखो प्यारे श्याम का ये दरबार है,
हर भगतो का होता बेडा पार है,
जाना जब भी श्याम दरबार,
शुकर हर बार करना,
सुख थोड़े दुःख घणे जगत मँ, भोग्यां कष्ट सरै राणी।
श्याम को दरबार यो तो,
दीना को ठिकानो है,
आज हम नाचेंगे राधे के दरबार,
मेरी बिगड़ी कौन बनाएं,
मेरा संकट कौन मिटाएं,
You must be logged in to post a comment.