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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Tumhare dar pe aana chahti hu agar hari tu jara si aash de de,तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँअगर हरी तू जरा सी आस देदे,krishna bhajan

तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,

तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु,

मैं आई छोड़ कर सारा जमाना,
मुझे चरणों में देदो अब ठिकाना,
यही जीवन बिताना चाहती हु
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु।

तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु,

मैं हु प्राणी तू पालनहार दाता,
मैं हु पापी तू बक्शण हार दाता,
ये सिर अपना जुकना चाहती हु
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु।

तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु,

तुम्हारे दवार पर है जो भी है आया,
मिटाये पाप सीने से लगाया,
मिटाये पाप हिरदये से लगाया ,
चरण रज मैं भी पाना चाहती हु,
अगर हरी तू जरा सी आस देदे, हैं
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु,

तुम्हारे दर पे आना चाहती हूँ
अगर हरी तू जरा सी आस देदे,
तुम्हे अपना बनाना चाहती हु,

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