गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आज म्हाने नेछो आयो,
गुरु सा ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै।
गुरु रैण अंधियारी रे, रजु सर्प निहारी रे,
रजु सर्प निहारी रे, भय लागो भारी रे,
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आत्मा में नेछो आयो।
मिरगा जल दिसे रे, कोई पिया ना पीसे रे,
कोई पिया ना पीसे रे, ज्यूँ विशिया विष रे,
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आत्मा में नेछो आयो।
रे गुरु सीप अनूपा रे, कोई भया न भूपा रे,
कोई भया न भूपा रे, कर जाण्या रूपा रे,
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आत्मा में नेछो आयो।
बँझिया सूत झूले रे, आकाशा फुले रे,
आकासा फुले रे, सुन्दर ओ कदे ही ना भूले रे,
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आत्मा में नेछो आयो
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै,जग झूठ लखायो रे, आज म्हाने नेछो आयो,
गुरु सा ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै।