एक बार चली आओ,
मेरे द्वार चली आओ
Tag: Amuwa ki dali layi bagiya se tod ke
मंदिर में उड़े रे ग़ुलाल,
गुलाबी रंग प्यारा लगे
अमूवा की डाली लाई,बगिया से तोड़के
सुनो सिया मेरी बात,राम फूल बगिया में आए हैं।
नरम नरम लायी घाल, गरम कान्हा माखन रोट
जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने
कान्हा रे बागा में झूला घाल्या