म्हारा हरिया वन रा सुवटीया,तने राम मिले तो कहीजे रे।
Tag: Aali re mohe lage vrindavan niko
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
बृजवासी तोहै बुलावे क्यों सांवरिया ना आवे।
मोरे मन चल वृंदावन धाम,
रटेंगे राधे राधे,
एसो रास रचयो वृन्दावन,बज रही पायल की झंकार
वृंदावन बोले मोर, ओ मोर, गोकुल में शोर भयो भारी।
कान्हा यो के आई थारा मन में,
गुजरया नचाई वृंदावन में।
कैसा सुंदर हिरन वनों में चरने आया है।
भजन कर मोहन मुरारी का, छोड़ मोह दुनियादारी का।
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
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