मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मै गमो की धूप में जब तेरा नाम लेके निकला,
मिला रेहमतो का साया यह करम नहीं तो क्या है।
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा वक्त जिकत करके मेरी रूह में उतर कर,
मेरे दिल को दिल बनाया ये कर्म नही तो क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरी लज्तो को बे मन मिले आपके सहारे,
मैं गिरा तू खुद उठाया ये कर्म नही तो क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मुझे जब भी ग़म ने घेरा मेरा साथ सब ने छोडा,
च में मदद को आया यह करम नहीं तोह क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मै भटक के रह गया था कही और बेह गया,
मुझे रास्ता दिखाया यह करम नहीं तोह क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
येह शराफ बड़ा शराफ है तेरा रुख मेरी तऱफ है,
मुझे नातख्वां बनाया यह कर्म नहीं तोह क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,
मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
मेरा मरतबा बढ़ाया यह करम नहीं तो क्या है,